शुक्रवार, 29 जून 2007

कविता

कविता मन का एक उदगार है जो शब्‍दो कि सुगंध लेकर उडता जाता है सुनने वाले को एक रस का अनुभव कराता है य‍ानि प्रत्‍येक कविता मधुर होती है लेकिन हम उसे जितने सुन्‍दर शब्‍दो के साथ सजा सके वह रोचकता प्रदान करता हैं‍ ‍कवि जो दूर नही पर आपने अपने विचारो को ‍लय देने कि कोशिश ही नही की

1 टिप्पणी:

उन्मुक्त ने कहा…

हिन्दी चिट्ठाजगत में स्वागत है। लिखते रहें।